Wednesday, December 20, 2017

मेरी कलम से 2

मुझसे न रूठना तू,
कुछ घडी बेठना मेरे पास,
उदास यू, ये मुझसे गिला क्यों,
सबकुछ है तेरा, मैं तेरा और मेरा तू,
सबकुछ है मेरे पास क्यों,
कि तू मेरा भाई/ दोस्त जो है तू।
-सुनील सिंह राजपूत
मेरी कलम से

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